shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

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दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

read more आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

शिव आरती

सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुँचित केसा।।

भगवान शिव की महिमा का बखान करने के लिए अनेकों अष्टकों की रचना हुई है, जिनमें  शिवाष्टक, लिंगाष्टक, रूद्राष्टक, बिल्वाष्टक काफी प्रसिद्ध हैं, जिसमें शिवाष्टक का विशेष महत्व है।

चालिसा भगवान शिवाशी मजबूत आध्यात्मिक संबंध निर्माण करण्यास मदत करते. दररोज श्री शिव चालिसाचा जप केल्याने भक्ताला शांती, आंतरिक शक्ती आणि आध्यात्मिक वाढ मिळेल.

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